पढ़िए : कैसे बीरबल बादशाह अकबर की शराब की लत को छुड़वाते हैं.
अकबर बीरबल के लतीफे
बादशाह अकबर वैसे तो शराब नहीं पिते थे मगर जवानी जब बुढापे की ओर बढने लगती तो शाम को उन्हें थकान महसूस होने लगती इसलिए रात के समय थकान दूर करने के लिए थोडी-बहुत शराब पी लिया करते थे लेकिन वह ऐसा छिपकर करते थे.
फिर भी एक दिन उनके बातचीत के ढंग से बीरबल को यह पता लग ही गया. बीरबल ने बादशाह की इस बूरी आदत को छुडाने का विचार किया. बादशाह जिस कमरे में शराब रखते थे एक दिन बीरबल उसमें गुप्त रूप् से गये और वहां की हर एक वस्तु को ध्यान से देखा बाद में वहां की चीजें अस्तव्यस्त करके बीरबल ने शराब की बोतल अपने जेब में छिपाली और बादशाह के सामने ही तेजी से निकल गये.
बगल में कोई चीज छिपाकर तेजी से बीरबल को ले जाते देखकर बादशाह को संदेह तो हुआ लेकिन उन्होंने इस बात पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया. उनके जाने के थोडी देर बाद ही उन्होंने बीरबल को बुलवाया, बीरबल बगल में वहीं पोटली दबाये हुए बादशाह के सामने मौजूद हुए. अकबर ने पूछ ही लिया- बीरबल तुम्हारे बगल में क्या हैं.
बीरबल ने जवाब दिया जहांपनाह कुछ भी नही हैं उन्होंने दोबारा पूछा तो बीरबल बोले - तोता है. इस जवाब को सुनकर बादशाह को गुस्सा आने लगा और क्रोधित स्वर में बोले सच-सच क्यों नहीं बताते क्या है. बीरबल ने अपने स्वभाव के तरीके से जवाब दिया - घोडा है.
बादशाह को ताजूब हुआ वे झुंझलाकर बोले - आज तुमको क्या हो गया हैं जो ऐसी बे-सिर-पैर की बातें कर रहे हो ठीक क्यों नहीं बताते, इस बार बीरबल ने कहा - हाथी है. बादशाह बहुत नाखुश हुए और उन्होंने चिल्लाकर कहा - क्या तुम्हारी मौंत नजदीक आ गई हैं यह सुनकर बीरबल बोले - गधा है.
फिर बादशाह ने सरल भाव से पूछा तो बीरबल ने सच कह दिया - शराब है और बोतल सामने रख दी. बीरबल के हाथ में शराब की बोतल देखकर बादशाह आश्चर्यचकित रह गये बादशाह जितना सोचते थे उतना ही विचार-धाराओं में डूब जाते थे क्योंकि बादशाह के दिल में यह बात समा गई थी कि आज बीरबल होश में नहीं है, जरूर ही उसने शराब पी है.
शाम को जब नवरत्न बैठे तो बीरबल भी उन्हीं में आ बैठे. बादशाह ने उन्हें देखा और पूछा तबीयत कैसी है ? बीरबल बोले - मेरी तबीयत खराब कब थी? यह सुनकर बादशाह बोले - अगर खराब नहीं थी तो क्यों शराब की बोतल बगल में दबाकर हमारे पूछने पर बै-सिर-पैर के जवाब दे रहे थे ?
बीरबल ने यह अच्छा मौका हाथ देखकर कहा - जहांपनाह पहले जब आपने मुझसे पूछा बगल में क्या है ? तो मैंने जवाब दिया कुछ नहीं. यह बात सच हैं कि शराब का पहला प्याला पी जाने पर आदमी को कुछ भी मालूम नहीं होता हैं दूसरा प्याला पीते ही उसकी जूबान तुतलाने लगती है. इसलिए मैंने आपके प्रश्न के उत्तर में कहा तोता है.
फिर शराब का तीसरा प्याला पीते ही शराबी घोडे की तरह हिनहिनाने लगता हैं तभी मैंने आपके तीसरी बार पूछने पर कहा था कि घोडा है. उसके बाद चौथा प्याला पीते ही उसकी दशा मस्त हाथी जैसी हो जाती है. इसलिए मैंन कहा कि हाथी है.
उसके बाद पांचवा प्याला पी लेने पर वह गधे की तरह हो जाता है. उसके उपर बोझ लाद दो और चाहे जहां लेकर चल दो, इसलिए मैंने गधा कहा था. अब रहा छठा प्याला इसे पीते ही मनुष्य अपनी सारी चेतना खो बैठता है.
इसलिए आखिर में मैंने बोतल हूजूर के सामने रख दी. यह सुनकर बादशाह अकबर बडे खुश हुए उसी वक्त उन्हें शराब पीने की तलब महसूस हुई क्योंकि यही वक्त उनके रोज पीने का था. जैसे ही वह अपने उस कक्ष में गये उन्होंने देखा कि वहां की सारी चीजें इधर-उधर बिखरी पडी हैं शराब की बोतल भी वहां से गायब है. बादशाह समझ गये कि बीरबल को यह बात मालूम हो गई हैं उसी क्षण और उसी दिन से बादशाह ने शराब पीना छोड दिया है.