(चार प्रश्न) The Four Questions - Spiritual Story Hindi Me

Best Religious Spiritual Story in Hindi 

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महाभारत की कहानी का अंश The Four Question moral tale. - चार प्रश्न

यह कहानी/Spiritual Story आज के कलयुगी युग की दास्तां को बयां करती हैं. मैंने जब इसे पहली बार पढ़ा तो आश्चर्य से भर गया. महाभारत काल के, व्यापारी द्वारा पूछे गयें यह चार प्रश्न आज की दुनिया के हालत को बखूबी बयां करते हैं. दोस्तों यह कहानी ध्यान से पढ़ना क्यूंकि इसमें बहुत से सन्देश छुपे हैं -
एक बार महाराज युधिष्ठिर के पास एक व्यापारी आया उसके पास एंक बहुत सुंदर और अद्भूत घोडा था. अर्जून, भीम सहित सारे भाइयों ने जब घोडे को देखा तो वे उस पर मंत्रमुग्ध हो गए और उस घोडे को बेचने के लिए व्यापारी से आग्रह कियां. 

व्यापारी ने कहा - धन की आपके यहां भी कमी नहीं हैं और मैं भी कंगाल नहीं हूं घोडा बेचना तो हैं पर इसे धनी के हाथ नहीं बुद्धिमान के हाथ बेचना है. अगर आप लोग बुद्धिमान होतो मेरे प्रश्नो का उत्तर दें.

चारों भाईयों ने व्यापारी की शर्त स्वीकार कर प्रश्न पूछने केे लिए कहा-

व्यापारी ने पहला प्रश्न भीम से पूछा - 

मैं रास्तें में आ रहा था, तो देखा कि एक भयंकर कुवा हैं और उसके बीच मे रस्सी से बंधा एक सिक्का लटक रहा है, और सिक्के से बंधा सौं मन लोहा टंगा हैं. फिर भी वह रस्सी टूटती नही है, ना पैसा गिरता हैं ना सोना गिरता हैं, मामूली सी रस्सी के सहारे सिक्का टिका हैं और मामूली से सिक्के के सहारे सौं मन सोना लटक रहा हैं यह क्या रहस्य हैं ?

भीम बहुत देर तक सोचने के बाद भी उत्तर नहीं दे पाये.

व्यापारी ने दूसरा प्रश्न अर्जून से पूछा -

उसी रास्ते पर चलते हुए मैंने एक जगह पांच कुण्ड देखे. जिनका पानी अपने आप में उपर निकल कर बहता था, यह चार कोनों के कुण्ड जब खाली हो जाते थे तो बीच का कुण्ड उन्हें भर देता था, पर जब बीच का कुण्ड खाली होता तो चारो मिलकर भी उसे भर नही पाते थे और वह सुखा हुआ खाली पडा रहता जब तक कि उसमें स्त्रौत से पानी नहीं आता. इसका क्या रहस्य है ?

काफी देर तक विचार करने के बाद भी, अर्जून जवाब नहीं दे पाये.

व्यापारी ने तीसरा प्रश्न नकूल से पूछा -

उसी रास्ते एक जगह एक गाय दिखाई दी उस गाय ने एक बछिये को जन्म दिया, लेकिन आश्चर्य की बात यह हैं कि जहां गाय को बछियां को दूध पीलाना चाहिए वहीँ गाय बछिया का दूध पीने लगी. इसका क्या रहस्य है ?

काफी सोच विचार करने के बाद भी नकुल उत्तर नहीं दे पाये.

तब व्यापारी ने चौथा और अंतिम प्रश्न सहदेव से पूछा -

व्यापारी ने कहा - उसी रास्ते आते मुझे एक विचि़त्र पक्षी दिखाई दिया, जिसके पंखों पर वेद का श्लोक लिखा हुआ था, और मुख से वेद-मंत्रों का उच्चारण कर रहा था, लेकिन पास ही मांस का ढेर लगा हुआ था. एक बार मंत्र उच्चारण करने के बाद वह चोंच भर मांस खा लेता था और फिर मंत्र उच्चारण करने लगता. मंत्र खत्म होते ही मांस खाता और फिर श्लोक बोलने लगता इसका क्या रहस्य है ?

काफी सोचने के बाद भी सहदेव भी उत्तर नहीं दे पाए और वे मौन खडे रहे.

तब उस व्यापारी ने कहा - हैं धर्मराज यदि आप इन चारों प्रश्नो का उत्तर सही सही देेंगे तो आपको घोडा भी मिल जायेगा और आपके चारों भाई भी मूर्ख कहलाने से बच जायेंगे.

अंत में युधिष्ठिर ने कहा तुम्हारे पहले प्रश्न का उत्तर यह हैं कि - काली-काल में धूर्त लोग ऐक पैसा दान कर सौं यश लूटने का प्रयत्न करेंगे. सौं मन पाप को एक पेसे पूण्य के सहारे लटकाये रखेंगे.

दूसरे प्रश्न का उत्तर हैं, बीच का कुआ 'पिता है, और चार कोनों के कुएं 'पुत्र, अकेला पिता अपने कर्तव्य का पालन करते हुए चारों पुत्रों का पालन कर सकता है. लेकिन चारों पुत्र मिलकर एक पिता की सेवा नही कर सकते.

तीसरे प्रश्न का उत्तर है - काली-काल में माता-पिता पुत्री की कमाई खायेंगे विचार विहीन हो जायेंगे.

अंतिम और चौथे प्रश्न का उत्तर है - वह विचित्र पक्षी काली-काल के ढोंगी पाखण्डी होंगे जो सीधी सादी जनता को लुटने और ठगने के लिए अपने आस-पास वेद-मंत्रों का उच्चारण करने का ढांग करेंगे. धार्मिक कृत्य करेंगे और खायेंगे मांस पीयेंगे मदिरा.

इस तरह महाराज युधिष्ठिर के उत्तर सुनकर व्यापारी संतुष्ट हो गया और उन्हें घोडा दे दिया.

Hindi Spiritual motivational story lesson - यह कहानी आज के युग की दास्तां के बारे में बहुत कुछ कहती है. और सबसे बड़े आस्चर्य की बात तो यह है की आज जो यहां हो रहा है यह उन्होंने उनके समय में ही जान लिया था.