पढ़िए गट्टू की चतुराई और सूझबूझ की प्रेरणादायक कहानी, जो की मनोरंजन के साथ-साथ आपको अच्छी शिक्षा भी देगी. comedy funny story for childrens kids in hindi with moral teachings.
Funny Story for Kids with morals
उसने शहर में डिंडौरा पिटवा दिया कि जो भी उसे लंबी कहानी सुनायेगा उसे मूंह मांगा ईनाम दिया जायेगा मगर जिसकी कहानी पंसद नहीं आयेगी उसे एक माह के लिए जैल की हवा खानी पडेगी. यह सुनकर देश-विदेश के बडे-बडे धूरंदर कहानीकार आये और उन्होंने राजा को लंबी-लंबी कहानियां सुनाई
मगर हर कहानी सुनने के बाद राजा कह देता - यह तो बहुत छोटी-सी कहानी है फिर अच्छी भी नहीं है. दरअसल राजा ईनाम देना ही नहीं चाहता था. इस तरह कई कहानीकारों को उसने कारागार में डलवा दिया.
उसी राज्य में गरीब किसान का गटटू नामक लडका भी रहता था, लोगों की बातें सुनकर वह समझ गया था कि राजा जानबूझकर कहानी को छोटा बताकर ईनाम देने से बच जाता है. इसलिए उसने सोचा की वह राजा को कहानी सुनाने जायेगा और ऐसी कहानी सुनायेगा जो कभी खत्म ही नहीं होगी.
वह राजा के महल में गया और दिवान के पास जाकर अपना नाम लिखवा दिया. तुम्हें महाराज की शर्त तो मालूम है न ? अगर कहानी अच्छी और लंबी न हुई तो जेल की हवा खानी पडेगी और अगर महाराज कहेंगे कि मेरी कहानी बहुत लंबी हैं तो मैं भी मनचाहा ईनाम लूंगा. गटटू ने मुस्कुराकर कहा. हां - दीवान ने कुटीलता से मुस्ककुराकर कहा फिर उसने शर्तनामे पर हस्ताक्षर करवा लिये.
दूसरे दिन कहानी सुनाने का समय तय हुआ. हर बार की तरह सभी दरबारी और कुछ प्रजा जन महाराज के महल में इकठठा हुए और गटटू की कहानी शुरू हुई. सभी को विश्वाश था कि गटटू का भी वही हाल होगा जो पहले आये कहानीकारों को हुआ है.
मगर गटटू राजा के लिए ऐसी कहानी छांट कर लाया था कि सुनते-सुनते राजा भी उकता जाये. गटटू क्या तुम कहानी सुनाने को तैयार हो ? राजा ने पूछा. जी महाराज!, तो फिर सुनाओ. आदेश पाते ही गटटू ने कहानी सुनानी शुरू की -
महाराज, एक गांव में एक किसान था उसका खेत बहुत बडा था. उसमे ज्वार बोयी हुई थी, खेत के पास ही एक पेड पर हजारों शैतान चिडियां रहती थी जो किसान के खेत के बीज खा लिया करती थी. एक दिन किसान ने सोचा कि में अपने खेत की खुद ही रखवाली करूंगा और जब चिडियां का झुंड आयेगा तो जाल में फांस लूंगा.
मगर महाराज चिडियां भी बडी चालाक थी वे उसकी चाल समझ गई और उन्होंने एक योजना बनाई. योजना के तहत एक चिडियां खेत में आई उसने बीज चूगा और उड गई फूर्र, फिर ? महाराज ने उत्सुकता से पूछा.
फिर दूसरी चिडियां आई उसने भी बीज चूगा और उड गई फूर्र फिर ?
तीसरी आई उसने भी बीज चूगा और उड गई फूर्र फिर ? राजा ने उबासी ली.
फिर चौथी आई उसने भी बीज चूगा और उड गई फूर्र फिर ?
फिर पांचवी आई वह भी उड गई फूर्र, ठीक हैं, ठीक हैं आगे क्या हुआ ?
अभी पहले सारी चिड़ियों को तो आने दें महाराज. कहानी तभी आगे बढेगी. फिर छठी आई उसने भी बीज चुग और उड गई फूर्र.
ठीक है ठीक है. उसकी फूर्र फूर्र से उकता कर राजा बोला अब फूर्र फुर्र ही करते रहोगे या कहानी आगे बढाओगे. नहीं माहाराज सारी चिडियां अभी नहीं आयेंगी एक-एक करके आयेंगी. हजारों चिडियां है.
सातवी आई और वह भी उड गइ फूर्र. अब राजा उसकी चतुराई समझ गया कि अब यह महीनों फूर्र फूर्र करके चिडियां उडाता रहेगा और यह कहानी कभी खत्म नहीं होगी. मैं इसे दंड भी नहीं दे सकता. सचमूच गटटू बहुत समझदार लडका है. इसलिए इसकी कहानी सबसे लंबी बताकर इसे मूंह मांगा ईनाम देने में ही भलाई है.
यह सोचकर महाराज ने कहा - अरे भाई गटटू अब तू यह अपनी फूर्र फूर्र बंद कर, मैं समझ गया कि तेरी कहानी सबसे लंबी है. अब तू बोल कि क्या ईनाम चाहता है ? महाराज! मेरा ईनाम यही होगा कि आप कारागार में बंद सभी कहानीकारों को रिहा कर दें और ईनाम देकर विदा करें.
राजा ने कहा- गटटू हम वचन देते हैं कि सभी कलाकारों को छोड दिया जायेगा मगर तुमने अपने लिये तो कुछ मांगा ही नहीं. महाराज! हमारे राज्य में खुषहाली रहे, आपका यश बढे यही मेरा ईनाम होगा. वाह! गटटू वाह! हम खुश हुए.
funny story kids तुम जैसे समझदार व्यक्ति को तो हमारा सहायक होना चाहिए. गटटू तुम आयु में छोटे अवश्य हो लेकिन सच्चे और देशभक्त जरूर हो. हम इसी समय तुम्हें अपना प्रधानमंत्री नियक्त करते हैं.
इस तरह वह गरीब गटटू अपनी सुझबूझ, साहस और सत्य के बल पर राज्य का प्रधानमंत्री बन गया। इसलिए कहा गया हैं कि सत्य कहने से नहीं डरना चाहिए और कैसी भी परिस्थिति हो सुझबूझ से काम लेना चाहिए.
चतुराई और बुद्धिमानी से किसी को भी प्रसन्न किया जा सकता है.
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