ईमानदारी ही सबसे बड़ा धन हैं - Moral Story on Honesty is The Best Policy

Best Moral Story on Honesty in Hindi Also For Kids

एक लकडहारा बेहद गरीब था लेकिन था इमानदार. एक बार नदी किनारे एक पेड से लकडी काटते समय उसकी कुल्हाडी नदी में गिर गई. नदी गहरी और तेज प्रवाह वाली थी. उसकी अजीविका का साधन एक मात्र वह कुल्हाडी ही थी.
ईमानदारी पर लकड़हारे की यह कहानी आपको ईमानदारी से जीवन व्यतीत करने की प्रेरणा देगी a great story on honesty is the best policy ever for happiness in life.
इसलिए कुल्हाडी हाथ से छुटकर नदी में गिर गई तो वह दुखी हो गया क्योंकि दुसरी कुल्हाडी नहीं खरीद सकता था. अपनी विवशता पर वह रोने लगा! हैं भगवान अब मैं अपनी अजीविका कैंसे कमाउंगा, मेरी कुल्हाडी वापस कर दो प्रभू.

वन देव ने उसकी करुणा से भरी पुकार सुनी तो वे एक ग्रामीण का वेश बनाकर वहां आ गई उन्हें गरीब लकडहारे पर दया आ गई वे बोले - चिंता मत करो बेटे. मैं नदी में से तुम्हारी कुल्हाडी अभी निकाल देता हूं.

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यह कहकर वनदेव नदी में कुद गये और जब बाहर निकले तो उनके हाथ में सोने की एक कुल्हाडी थी. वह लकडहारे को सोने की एक कुल्हाडी देने लगे तो लकडहारें ने कहा- नहीं! न्हीं! यह मेरी कुल्हाडी नहीं है.

मैं इसे नहीं ले सकता मेरी कुल्हाडी ऐसी नहीं थी. वनदेव ने नदी में फिर से डूबकी लगाई इस बार वह चांदी की कुल्हाडी ले आये. ईमानदार लकडहारे ने उसे भी लेने से इनकार करते हुए कहा - नहीं! न्हीं! भाई यह कुल्हाडी भी मेरी नहीं है.

देखिए यह चांदी की हैं जबकि मेरी कुल्हाडी तो लोहे की थी. वनदेव ने नदी में फिर डूबकी लगाई इस बार वे एक साधारण सी लोहे की कुल्हाडी लेकर बाहर आये उसे देखते ही लकडहारा ख़ुशी से उछल पडा. हां! यही मेरी कुल्हाडी है.

फिर वन देव बोले - तुमने पहले सोने,  चांदी की कुल्हाडीयां क्यों नहीं ली ?
लकड़हारा बोला - भाई वे मेरी नहीं थी
वन देव बोले - मगर मुझे तो नहीं पता था तुम वो कीमती कुल्हाडीयां ले सकते थे.
लकड़हारा बोला - लेकिन मुझे तो पता था जो चीज मेरी नहीं थी मैं उसे क्यों लेता ? यह तो बेईमानी होती.

उस गरीब की ईमानदारी देखकर वनदेव प्रसन्न हुए, उन्होंने उसे अपना असली रूप दिखाकर आशीर्वाद दिया. और उसकी लोहे की कुल्हाडी के साथ ही सोने और चांदी की कुल्हाडीयां भी उसे उपहार स्वरूप दे दी. ईमानदारी ही सर्वाेपरी है.
ईमानदारी व निस्वार्थ से किये गए काम का फल अनंत गुना होकर मिलता है. इसलिए हमेशा ईमानदारी और बिना किसी स्वार्थ के कार्य करने की आदत बनाये, ऐसा करने से आपको अपने कार्य का फल दुगुना मिलेगा ठीक वैसे ही जैसे इस लकड़हारे को वनदेव ने सोने व चांदी की लकड़ियां भी भेंट स्वरुप दे दी.


इसलिए कहां जाता हैं (honesty is the best policy) जो व्यक्ति इनमादारी से अपना जीवन व्यतीत करता है वह अपने जीवन की लाख परेशानियां का सामना करने पर भी निराश नहीं होता. ईमानदारी हमेशा दिल को तस्सल्ली पहुंचाती है. ईमानदारी से व्यवहार करने पर हर बार कुछ न कुछ नया सिखने को मिलता हैं.

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